कुशीनगर: कप्तानगंज विकास खंड के सोहनी गांव में बुधवार से शुरू हुए श्रीविष्णु महायज्ञ की श्रद्धालुओं ने सुबह कलश यात्रा निकाली। हाथी घोड़े व गाजे-बाजे के साथ निकाली यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के जयकारे से वातावरण भक्तिमय हो उठा। कई गांवों का भ्रमण करते हुए श्रद्धालु कप्तानगंज कस्बा के छोटी गंडक के श्रीराम-जानकी घाट पर पहुंचे। वहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कन्याओं ने कलश में जल भरा। उपनगर का भ्रमण करते हुए यात्रा यज्ञ स्थल पर पहुंची। आचार्यों ने कलश को मंडप में स्थापित करा यज्ञ शुरू किया। पुजारी विवेकानंद, रामासनेही यादव, पंचम सिंह, हरिद्वार सिंह आदि शामिल रहे।
विकास खंड मोतीचक के पकड़ी मदरहां गांव में चल रहे श्रीविष्णु महायज्ञ के दूसरे दिन मंगलवार की रात रामलीला के कलाकारों ने नारद मोह का मंचन किया। मंचन के क्रम में भगवान शिव ध्यान लगाकर प्रभु श्रीराम का नाम जपते हैं तो पार्वती को आश्चर्य होता है। उन्होंने शिव से श्रीराम की महत्ता के बारे में पूछती हैं। भगवान शिव बताते हैं कि इसी तरह श्रीराम ने नारद के अहंकार को तोड़ा था। प्रभु ने नारद के अहंकार को तोड़ने के लिए उनके मन में विवाह की इच्छा जागृत की। नारद ने भगवान विष्णु से सुंदर रूप मांगा, लेकिन उन्हें बंदर का रूप दे दिया। इससे नारद की विवाह की इच्छा पूरी नहीं हो सकी। अहंकार टूटने पर नारद ने प्रभु की शरण में जाकर माफी मांगी थी। अभय प्रताप सिंह, नरसिंह, जीतन राव, विध्याचल मद्धेशिया, भीम सिंह, विनय मद्धेशिया, रणजीत सिंह, रामबहाल सिंह, रामाश्रय सिंह आदि मौजूद रहे।